000 | 01218nam a22001937a 4500 | ||
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005 | 20250319105727.0 | ||
020 | _a9788171615889 | ||
082 |
_a891.46 _bKHA |
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100 | _aKhandekar, V S | ||
245 | _aYayati | ||
250 | _a43 | ||
260 |
_aPune _bMehtha Publishing House _c2022 |
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300 |
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500 |
_a1530 _b2025-02-12 |
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505 | _aYayati | ||
520 | _aययाति ही वि. स. खांडेकर लिखित प्रसिद्ध कादंबरी मनुष्याच्या चिरतरुण राहण्याच्या व भोगवादी प्रवृत्तीवर एक वेगळा प्रकाश टाकते. जेव्हा मनुष्याला हा वर मिळतो त्या वेळेस त्याला हे जीवनातील अंतिम तथ्य नव्हे ह्याची जाणीव होते. वि.स. खांडेकरांना ययाति कादंबरीसाठी इ.स. १९६० मध्ये साहित्य अकादमी पुरस्काराने आणि इ.स. | ||
650 | _aGeneral | ||
942 | _cBK | ||
999 |
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